कविता जीवन का आधार ,कविता जीना सिखाती है। काव्य कवि का हृदय भाव , जो जीवन का राज बताती है।
शनिवार, 8 मई 2021
तू ऐसा है मतवाला
शुक्रवार, 7 मई 2021
मतलब की दुनिया
राह आसान नही होती
चीटी की बात, जीवन के साथ.
हार से जीत की ओर
ये जीवन एक कहानी ,
कुछ जानी कुछ न जानी
अविरल चलना ही होगा,
मंजिल तुझको गर पाना ।
आजाद परिंदे हो तुम,
उड़ सकते उच्च गगन तक,
मन हार कभी न मानो,
लड़ते जाओ अंतिम तक ।।
जीवन आशाओ का खेल,
अरे तुम जाना कभी न भूल।
आज जो दुखद तेरा है सुन,
कल खिले खुशी का फूल ।
पूरा प्रयास करने पर,
गर मीले सफलता न तुझको,
हार से सीखो , बनाओ,
जीत का कारण उसको ।।
इतिहास बदल सकते हो,
भूगोल बदल सकते हो,
मम बात हृदय तुम धरो,
हालात बदल सकते हो ।
........Sangjay
आज से तू मेरी.
आज से तुम मेरी मैं तेरा होगया।
देखा जब से तुझे बावरा हो गया।
मैने सोंचा न था,मैंने जाना न था।
आपके हुश्न का जब दीदार होगया।
कण कण में समाई है सूरत तेरी।
मौत के बाद भी रहे ये दोस्ती।
मौज का नाम क्या आज जाना सनम
तेरी राहों में दिल को बिछाना सनम
हो जिंदगी कब तलक नही परवाह है
मौत का डर खतम बस तेरी चाह है।
कृष्ण दीवानी मीरा ने जब जाना है।
नाची रे नाची मीरा जग जाना है।
भूली कान्हा को राम रतन धनपायो।
हर पल हर छण मस्त मगन हो गायो।
अनपढ़ को भी विद्वान बनादे ऐसी माया।
प्रेम के ढाई आखर मस्त कबीरा गाया।
साखी सबद रमैनी दास कबीरा दे गयो।
पढ़े लिखे भी न समझे ऐसी बात बतायो।
आज से तुम मेरी मैं तेरा होगया।
देखा जब से तुझे बावरा हो गया।
मैने सोंचा न था,मैंने जाना न था।
आपके हुश्न का जब दीदार होगया।
कण कण में समाई है सूरत तेरी।
मौत के बाद भी रहे ये दोस्ती।
मौज का नाम क्या आज जाना सनम
तेरी राहों में दिल को बिछाना सनम
हो जिंदगी कब तलक नही परवाह है
मौत का डर खतम बस तेरी चाह है।
कृष्ण दीवानी मीरा ने जब जाना है।
नाची रे नाची मीरा जग जाना है।
भूली कान्हा को राम रतन धनपायो।
हर पल हर छण मस्त मगन हो गायो।
अनपढ़ को भी विद्वान बनादे ऐसी माया।
प्रेम के ढाई आखर मस्त कबीरा गाया।
साखी सबद रमैनी दास कबीरा दे गयो।
पढ़े लिखे भी न समझे ऐसी बात बतायो।
गरीबी
गरीब का जीवन,
कैसा बंधन जो बांधता है।
लाचारी की जंजीरो से,
वरना कौन है साहब ,
जो खुद को बदनसीब बनाता है।
दुख भारी आह सुनता है,
जब गम भरे रेन दिन आते,
पर दुख दूर कभी न होते,
हरपल हर छण वो अश्रु बहते।
ईश्वर को आह सुनते,
गम भरी निशा का अंत होगा कब,
इंतजार वो करते,
ख्वाबो के महल सजाते,
ख्वाबो में लुत्फ उठाते,
हक़ीक़त का क्या वजूद,
गम ही गम जब आते।
किया हमेशा मदद ,
मजबूर की वो जनता है,
गरीबी का दर्द,
परंतु जिसके पैर न फटी बिवाई,
सो का जाने पीर पराई,
बात यह मैं कहता हूं।
लाचारी कैसी ह उनकी,
मदद करे भगवान दुवा ,
मैं करता हूं ।।
.....sangjay
जिंदगी एक क्रिकेट खेल
रन रन बनाने की लगी होड़ । जिंदगी एक है क्रिकेट खेल ।। रन बनाने के चक्कर मे, एक दूसरे के टक्कर में, राण दौड़े हम बारम्बार, मील असफल...
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जीवन का आधार, हो अपनो का प्यार। हो नहीं कभी भी वार, दो मानवता को तार। शाश्वत नही कुछ भी, किस पर करले एतबार। हो खुद पे यकीन अगर,आसान सभी है...
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एक बार, देखा चीटी को, उसकी लघुता को, थी कमजोर, क्या करने के काबिल थी, परंतु कर्म धार की तलवार से, अद्भुत अदम्य साहस दिख रही थी।...
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