शनिवार, 8 मई 2021

तू ऐसा है मतवाला

जग का मालिक जग का खालिक,
तू सबका आधार है ,
तुझ पे भरोसा करके जो भी,
अंग संग देखे बेड उसका पर है ।

जीवन है संकट की बाट,
जो चलता मिलते संकट बारमबार,
जो केवल मंजिल को चाहे,
सदियो तक चलता किस्सा,
जीवन का जो सार है ।।

कभी न मानो हार ग़मों से,
हर पल हर छन लड़ता जा,
जितनी जहा पर मील मुसीबत,
उत्साह दिखता उतना जा ।

संकट की राहों में चलकर,
जो जीवन को सवारा करते हैं ,
सुन लो ऐसे सख्स ही यारो,
इतिहास बनाया करते हैं ।

लचत क्यो है तू ही इतिहास बनाये,
तूने सबकुछ कर डाला,
धरती नापी सागर नाप,
आकाश की नाप भी कर डाला ।
चंद्र ग़मो से घबराकर तू,
क्यों अपने राह बदल डाला,
कर सकता है तू सबकुछ,
खूफ के अंदर देख तू ऐसा है मतवाला ।।

......SangJay।

शुक्रवार, 7 मई 2021

मतलब की दुनिया

मतलब की दुनिया,
कितनी अजीब,
पैसे से अमीर ,
पर दिल से गरीब,
पैसा हो अगर,
हजारो हैं यार,
बिना पैसे के तू,
पूरा है बेकार,
बात सिर्फ पैसे की नहीं,
बात मानवता की,
इंसानियत की,
मदद की, 
परोपकार की,
दोस्ती की,
 जो कल तक आगे पीछे,
घूमते थे,
जब आप अमीर थे,
परंतु पैसा गया ,
तो समझो, आपकी किस्मत गई।
स्वार्थियत को छोड़ ,
सच्चा रिश्ता वो,
जो बुराई से हटाकर,
नेकी में लगाकर,
अपना फर्ज दोस्ती का
निभाता है ।
सही मायने में सच्चा ,
यार वही होता है ।

......sangjay

राह आसान नही होती


जो भी हो सफलता वाली ,
राह आसान नही होती।
जीवन की लय के साथ,
चलना ही पड़ता है,
जो नही चला गर साथ,
हारना पड़ता है  ।

रुक जाना मृत्यु निसानी,
चलना ही जीवन की कहानी,
आगे बढ़ना है तुझको,
कुछ करके दिखाना है तुझको,
आम आदमी कब तक,
कुछ खास बनाना खुद को।

बिना तपे अग्नि में ,
सोना ताज नही बन सकता,
बिन टूटे ही डाली से,
कभी फूल देवो के गले,
का हार नही बन सकता।

 दिन रैन कर्म है करना,
अपनी मंजिल को जाना,
मत डरो हार से कभी भी,
ये पहली सीढ़ी है तेरे मंजिल की,
दुनिया मे नाम कामना ,
अपने सपनो को सच,
करने का मौका नही गवाना ।।

.....sangjay

चीटी की बात, जीवन के साथ.

एक बार, 
देखा चीटी को,
उसकी लघुता को,
थी कमजोर,
क्या करने के काबिल थी,
परंतु कर्म धार की तलवार से,
अद्भुत अदम्य साहस दिख रही थी।

हार की निराशा,
शायद कोई हो,
जो टूटता न हो,
पर टूट ही जाता है,
आखिर कब तक दिखाए अपने साहस को,
टूट कर बिखर ही जाता है।।

काश , ऐसा आदमी ,
एक बार देखे
चीटी को,
उसकी लघुता को,
और फिर अपने से दो गुने,
भारी वजन के साथ,
दीवार पर चढ़ना,
गिरना और फिर चढ़ना,
गिर गिर कर चढ़ना,
हर न मानना ,
मंजिल को पहुचकर ही,
रुकना,पहचान है उसकी,
धारण करलो छोटी सी
सीख उसकी,
होंगे नही कभी लाचार,
पार कर लोगे ,
हर इम्तिहान,
जीवन के सम्राट बनोगे ।।

.......sangjay

हार से जीत की ओर

 



ये जीवन एक कहानी ,

कुछ जानी कुछ न जानी 

अविरल चलना ही होगा,

मंजिल तुझको गर पाना ।

   

 

आजाद परिंदे हो तुम,

उड़ सकते उच्च गगन तक,

मन हार कभी न मानो,

लड़ते जाओ अंतिम तक ।।


 

जीवन आशाओ का खेल,

अरे तुम जाना कभी न भूल।

आज जो दुखद तेरा है सुन,

कल खिले खुशी का फूल ।


 

पूरा प्रयास करने पर,

गर मीले सफलता  न तुझको,

हार से सीखो , बनाओ,

जीत का कारण उसको  ।।


 

इतिहास बदल सकते हो,

भूगोल बदल सकते हो,

मम बात हृदय तुम धरो,

हालात बदल सकते हो ।


........Sangjay

आज से तू मेरी.

  



आज से तुम मेरी मैं तेरा होगया।

देखा जब से तुझे बावरा हो गया।

मैने सोंचा न था,मैंने जाना न था।

आपके हुश्न का जब दीदार होगया।

कण कण में समाई है सूरत तेरी।

मौत के बाद भी रहे ये दोस्ती।

मौज का नाम क्या आज जाना सनम

तेरी राहों में दिल को बिछाना सनम

हो जिंदगी कब तलक नही परवाह है

मौत का डर खतम बस तेरी चाह है।

कृष्ण दीवानी मीरा ने जब जाना है।

नाची रे नाची मीरा जग जाना है।

भूली कान्हा को राम रतन धनपायो।

हर पल हर छण मस्त मगन हो गायो।

अनपढ़ को भी विद्वान बनादे ऐसी माया।

प्रेम के ढाई आखर मस्त कबीरा गाया।

साखी सबद रमैनी दास कबीरा दे गयो।

पढ़े लिखे भी न समझे ऐसी बात बतायो।

आज से तुम मेरी मैं तेरा होगया।

देखा जब से तुझे बावरा हो गया।

मैने सोंचा न था,मैंने जाना न था।

आपके हुश्न का जब दीदार होगया।

कण कण में समाई है सूरत तेरी।

मौत के बाद भी रहे ये दोस्ती।

मौज का नाम क्या आज जाना सनम

तेरी राहों में दिल को बिछाना सनम

हो जिंदगी कब तलक नही परवाह है

मौत का डर खतम बस तेरी चाह है।

कृष्ण दीवानी मीरा ने जब जाना है।

नाची रे नाची मीरा जग जाना है।

भूली कान्हा को राम रतन धनपायो।

हर पल हर छण मस्त मगन हो गायो।

अनपढ़ को भी विद्वान बनादे ऐसी माया।

प्रेम के ढाई आखर मस्त कबीरा गाया।

साखी सबद रमैनी दास कबीरा दे गयो।

पढ़े लिखे भी न समझे ऐसी बात बतायो।

गरीबी



 

 गरीब का जीवन, 

कैसा बंधन जो बांधता है।

लाचारी की जंजीरो से, 

वरना कौन है साहब ,

जो खुद को बदनसीब बनाता है।

दुख भारी आह सुनता है,

जब गम भरे रेन दिन आते,

पर दुख दूर कभी न होते,

हरपल हर छण वो अश्रु बहते।

ईश्वर को आह सुनते,

गम भरी निशा का अंत होगा कब,

इंतजार वो करते,

ख्वाबो के महल सजाते,

ख्वाबो में लुत्फ उठाते,

हक़ीक़त का क्या वजूद,

गम ही गम जब आते। 

किया हमेशा मदद ,

मजबूर की वो जनता है,

गरीबी का दर्द,

परंतु जिसके पैर न फटी बिवाई,

सो का जाने पीर पराई,

बात यह मैं कहता हूं। 

लाचारी कैसी ह उनकी,

मदद करे भगवान दुवा ,

मैं करता हूं ।।


.....sangjay

जिंदगी एक क्रिकेट खेल

रन रन बनाने की लगी होड़ । जिंदगी एक है क्रिकेट खेल ।। रन बनाने के चक्कर मे, एक दूसरे के टक्कर में, राण दौड़े हम बारम्बार, मील असफल...