कितनी अजीब,
पैसे से अमीर ,
पर दिल से गरीब,
पैसा हो अगर,
हजारो हैं यार,
बिना पैसे के तू,
पूरा है बेकार,
बात सिर्फ पैसे की नहीं,
बात मानवता की,
इंसानियत की,
मदद की,
परोपकार की,
दोस्ती की,
जो कल तक आगे पीछे,
घूमते थे,
जब आप अमीर थे,
परंतु पैसा गया ,
तो समझो, आपकी किस्मत गई।
स्वार्थियत को छोड़ ,
सच्चा रिश्ता वो,
जो बुराई से हटाकर,
नेकी में लगाकर,
अपना फर्ज दोस्ती का
निभाता है ।
सही मायने में सच्चा ,
यार वही होता है ।
......sangjay
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