शनिवार, 15 मई 2021

जिंदगी एक क्रिकेट खेल

रन रन बनाने की लगी होड़ ।
जिंदगी एक है क्रिकेट खेल ।।

रन बनाने के चक्कर मे,
एक दूसरे के टक्कर में,
राण दौड़े हम बारम्बार,
मील असफलता हमको यार,
मंजिल पाने को हैं अजब रेल,
बैठे जिसमे हम ठेल पेल ।
जिंदगी एक है क्रिकेट खेल....

जब हम उतरे थे बैटिंग में यार,
बना दबाव हमे बालों को मार,
कुछ बालें तो तेजी से सीधे आती,
पर कुछ ऐसी बाल जो चकमा दे जाती,
पर हमको था डर यार विकेट का,
खेल रहे थे जिंदगी में खेल क्रिकेट का,
बहुत कराया हमने बल्ले बाल का मेल ।
जिंदगी एक है क्रिकेट खेल .....

हमने तो देखा था सपनों को,
की सफलता का ताज मिले हमको,
जगह जगह पर खतरे खड़े,
जिंदगी वाली बाल को देखे ताड़े,
यदि अच्छी बाल मेरे पास पड़े,
तो हम बल्ले से जाते हैं जड़े,
ना जाने हमको मिला हेड या फिर टेल ।
जिंदगी एक है क्रिकेट खेल.......

रन रन के चककर में पड़कर हम,
कभी कभी खो देते अपना रहम,
बाल आके कर जाती है बेरहम,
कोई बंदा मिला न कि लगाये मरहम,
तभी कभी खेल से हताश होते हम,
आगर खेल में फेल होते हम,
तभी यारो हम दोष देते हैं करम,
हताश जिंदगी में मोड़ से होता मेल।
जिंदगी एक है क्रिकेट खेल.......

जब बैटिंग में हम डटे रहे,
अपने पग में हम बढ़े रहे,
यार पाटनर धोखा दे दिया,
मेरे साथ किसी नाइंसाफी किया,
रन आउट होते हैं अगर,
सोचते हैं फिर न्यू डगर,
यारा जब हम बंद हुए इच्छा जेल।
जिंदगी एक है क्रिकेट खेल.....

बैटिंग में अगर हम क्लीन बोल्ड,
हो जाते फिर हम कोल्ड,
मन मे सिर्फ एक ही अभिलाषा थी,
छक्के या फिर चौके की आशा थी,
ताना हमने बाल को आसमां की चोटी,
कैच हुआ है यार भाग्य है यू खोटी,
इतनी मेहनत करने पर भी हुआ फेल ।
जिंदगी एक है क्रिकेट खेल....

हर बार एंट्री लेते हैं क्रिकेट की,
खेलूंगा ईस बार राइट ही राइट,
सोचा थी कि मैं भी आऊंगा लाइट में,
खोया रहा मैं मेटि बाल की फाइट में,
आसमान को छूने को चली थी काइट,
पर फेल की मिली है ब्लैक नाइट,
हर बार असफलता के ताज से हुआ मेल।
जिंदगी एक है क्रिकेट खेल.......

अगर कभी कभी कोशिशें कामयाब होती,
लग रहा था मिल रही है सफल मोती,
बड़ी कोशिशों के बाद खुशी कर पाया मन,
जिंदगी में कभी कभार बनाया सही रन,
मैं क्रकेट स्टार तो नहीं सफल सम्राट,
सोच रहा जैसे मैं चमकू अशोक लाट,
मजबूरन लेना होगा यू सन्यास,
पूर्ण कुछ अपूर्ण यार जिंदगी की है आस,
छूट चुकी है यार मेरी जीवन रेल।
जिंदगी एक है क्रिकेट खेल......

शनिवार, 8 मई 2021

जिंदगी एक जंग

अगर जिंदगी एक जंग है,
तो एक योद्धा हू मैं ,
अगर जिंदगी एक ज्वाला है,
तो समंदर हू मैं,
राहों में मुसीबत है अगर,
तो खूद एक मुसीबत हू मै ।।

जिंदगी की जंग में ,
ये हार एक विराम है ,
हर मुसीबत से जूझकर,
मिलता एक पैगाम है ,
परिंदो के खातिर जमीं नहीं,
आसमां ही बसेरा है ।।

सिंह जब गरजता है ,
तो सारा जंगल कांप जाता है,
तूफान जब आता है,
तो सब कुछ बहा ले जाता है ,
सबकुछ मिट जाने के बाद ,
साहसी की हस्ती नही मिटती,
पतझड़ में भी सावन की तरह ,
कलियां खिलती हैं ।।

मौत से नहीं डरते हैं ,
ईमान के फरिस्ते,
खुद की रहम से टूटते ,
और बनते हैं रिश्ते,
मुकद्दर की बातों में,
जो गिला नहीं करते,
खुदी के दम पर वो,
तकदीर बदल दते हैं ।।

......SangJay

दुख

इस शून्य क्षितिज  से हर पल,
हर रोज पुकारें आती हैं ।
यह दुख भी ऐसी चीज है क्या,
दुखियारों को ही सताती है ।।

आंखों से अंशू बहते हैं ,
जाने क्या क्या कहते हैं ।
इस मन के दुखद भावों को,
ये अंशू प्रकट कर देते हैं ।।

भव सागर के तट पर ,
दुख की लहरें आती है ।
गरज गरज कर कहती ,
कुछ दुखद पुरानी बातें ।

क्यों छलक रहा है दुख मेरा,
इस जग की नीरस पलकों पे,
क्यो उलझ रहा है दुख मेरा,
संध्या की सघन अलकों पे ।।

मन मे तूफ़ान से उठता है ,
एक ऐसी बात को कहता है ,
नर दुख में ऐसे क्यो रहता है ,
ईश्वर से क्या कुछ कहता है ।।

जीवन

आज के इस कलित युग मे,
भाव भंगिमा बह रही,
नाव युगीन कविता की,
सृजन की आशा जग रही  ।

सोचता हूं कि यह जग,
चाहता है कैसा जीवन,
कैसे जियूँ इस नीरस पटल में,
कर रहा हूं यह चिंतन।  

यह जगत है भाव प्रणीत,
करुणा दया सब है विचरते,
सुख के पीछे है दुख आता
कोई हँसते टी को रोते। 

यह विधाता का कैसा ,
विश्व का है छनिक खेल,
जीवन ऐसा जिओ कि,
सदा रहे सुख ही सुख का मेल।  

जब में दुख ही दुख फैला,
क्या कहूं कितना है विस्तृत,
आगे क्या अब लेखनी चलाऊ,
विचार मन से हुए हैं विस्मृत। 


.....SangJay

उत्साह न होगा कम

लड़ते ही रहेंगे हम 
जीवन के तूफानों से ,
पीछे न हटेंगे हम,
मंजिल के कांटो से ।

आगे ही बढ़ेंगे  हम,
केचलते ही रहेंगे हम,
मंजिल को पाने का,
उत्साह न होगा कम ।

मंजिल को पाने का,
जो लक्ष्य बनाया है ,
पथ भी यो अनेकों हैं,
जिन्हें रब ने बनाया है ।।

तूफान आगर फिर भी,
जो पथ पर आएंगे ,
तूफानों को चीर करके,
पथ अपना बनायेगे  ।

मंजिल ही हमारी तो,
बस एक लक्ष्य रहे,
चाहे जीवन मे आगे,
खुशिया, या गम रहे। 

पीछे न हटेंगे हम,
उत्साह न होंगे कम,
मंजिल को पाकर के,
तब ही लेगें दम   ।।

.....SangJay

मंजिल की ओर

जीना है दुश्वारियों में ,
सहना है हर गम,
मुश्किलें कितनी हो कठिन,
पर रुकेंगे नहीं कदम ।

खुशियां ही बांटेगे,
खुशियां ही चाहेंगे,
हर गलियों कूचों में,
हम प्यार ही बांटेंगे ।

जब भी जीवन मे,
आएगा कोई गम,
वादा है रब,
आंखे न होंगी नम ।।

दुनियां में है जीना तो,
सहना है हर गम,
पग पग पर हो कांटे,
फिर भी न रुकेंगे कदम ।

रब ने बनाया है ,
अजब से ये खेल,
जीवन मे होता है ,
बस सुख दुख का खेल ।।

जब मिला हो रब का साथ,
तो हमे क्यो डरना,
बस हौसला हो पक्का तो,
पीछे नहीं है हटना ।

लड़ते रो जिंदगी के तुफानो से,
कुछ सीखो इतिहास के जाबांजो से,
अपने हौसले को रखो बुलंद,
घबराना मत अंगारो से  ।

जल है जो दीपक उसे बुझाने  को,
तूफान हजारो आते हैं ,
तमन्ना रखो आसमान छू जाने की,
सच्चे वीर तुफानो को चीरते जाते हैं ।।

.........SangJay

दो शब्द

आंखे सपने सजाती हैं,
लेकिन टूट जाते हैं  ,
जिस डाली को पकड़ते हैं,
वो डाली टूट जाती है ।

ये सपने सच नहीं होते,
करे भरोसा इनका क्या,
ये सपने नींद में करके,
कभी भी टूट सकते हैं ।

हमती हालात ऐसी है,
न जीते हैं न मरते हैं,
गमों के सिर में रहकरके,
उठ उठकर जीते हैं ।

जिंदगी का भरोसा क्या,
कहाँ से कहीं को जाती है,
किस्मत का ये खेल कैसा,
किसे कहाँ ले जाती है ।

दुनिया का जो विधाता जो,
जिसे  रब कहते हैं ,
दिए उसने खुशी या गम,
हँस के सहते हैं ।

जिंदगी के तुफानो से,
सदा ही लड़ते हैं,
वक़्त की तेज धार में,
सभी जन बहते हैं ।

.......SangJay.

तू ऐसा है मतवाला

जग का मालिक जग का खालिक,
तू सबका आधार है ,
तुझ पे भरोसा करके जो भी,
अंग संग देखे बेड उसका पर है ।

जीवन है संकट की बाट,
जो चलता मिलते संकट बारमबार,
जो केवल मंजिल को चाहे,
सदियो तक चलता किस्सा,
जीवन का जो सार है ।।

कभी न मानो हार ग़मों से,
हर पल हर छन लड़ता जा,
जितनी जहा पर मील मुसीबत,
उत्साह दिखता उतना जा ।

संकट की राहों में चलकर,
जो जीवन को सवारा करते हैं ,
सुन लो ऐसे सख्स ही यारो,
इतिहास बनाया करते हैं ।

लचत क्यो है तू ही इतिहास बनाये,
तूने सबकुछ कर डाला,
धरती नापी सागर नाप,
आकाश की नाप भी कर डाला ।
चंद्र ग़मो से घबराकर तू,
क्यों अपने राह बदल डाला,
कर सकता है तू सबकुछ,
खूफ के अंदर देख तू ऐसा है मतवाला ।।

......SangJay।

शुक्रवार, 7 मई 2021

मतलब की दुनिया

मतलब की दुनिया,
कितनी अजीब,
पैसे से अमीर ,
पर दिल से गरीब,
पैसा हो अगर,
हजारो हैं यार,
बिना पैसे के तू,
पूरा है बेकार,
बात सिर्फ पैसे की नहीं,
बात मानवता की,
इंसानियत की,
मदद की, 
परोपकार की,
दोस्ती की,
 जो कल तक आगे पीछे,
घूमते थे,
जब आप अमीर थे,
परंतु पैसा गया ,
तो समझो, आपकी किस्मत गई।
स्वार्थियत को छोड़ ,
सच्चा रिश्ता वो,
जो बुराई से हटाकर,
नेकी में लगाकर,
अपना फर्ज दोस्ती का
निभाता है ।
सही मायने में सच्चा ,
यार वही होता है ।

......sangjay

राह आसान नही होती


जो भी हो सफलता वाली ,
राह आसान नही होती।
जीवन की लय के साथ,
चलना ही पड़ता है,
जो नही चला गर साथ,
हारना पड़ता है  ।

रुक जाना मृत्यु निसानी,
चलना ही जीवन की कहानी,
आगे बढ़ना है तुझको,
कुछ करके दिखाना है तुझको,
आम आदमी कब तक,
कुछ खास बनाना खुद को।

बिना तपे अग्नि में ,
सोना ताज नही बन सकता,
बिन टूटे ही डाली से,
कभी फूल देवो के गले,
का हार नही बन सकता।

 दिन रैन कर्म है करना,
अपनी मंजिल को जाना,
मत डरो हार से कभी भी,
ये पहली सीढ़ी है तेरे मंजिल की,
दुनिया मे नाम कामना ,
अपने सपनो को सच,
करने का मौका नही गवाना ।।

.....sangjay

चीटी की बात, जीवन के साथ.

एक बार, 
देखा चीटी को,
उसकी लघुता को,
थी कमजोर,
क्या करने के काबिल थी,
परंतु कर्म धार की तलवार से,
अद्भुत अदम्य साहस दिख रही थी।

हार की निराशा,
शायद कोई हो,
जो टूटता न हो,
पर टूट ही जाता है,
आखिर कब तक दिखाए अपने साहस को,
टूट कर बिखर ही जाता है।।

काश , ऐसा आदमी ,
एक बार देखे
चीटी को,
उसकी लघुता को,
और फिर अपने से दो गुने,
भारी वजन के साथ,
दीवार पर चढ़ना,
गिरना और फिर चढ़ना,
गिर गिर कर चढ़ना,
हर न मानना ,
मंजिल को पहुचकर ही,
रुकना,पहचान है उसकी,
धारण करलो छोटी सी
सीख उसकी,
होंगे नही कभी लाचार,
पार कर लोगे ,
हर इम्तिहान,
जीवन के सम्राट बनोगे ।।

.......sangjay

हार से जीत की ओर

 



ये जीवन एक कहानी ,

कुछ जानी कुछ न जानी 

अविरल चलना ही होगा,

मंजिल तुझको गर पाना ।

   

 

आजाद परिंदे हो तुम,

उड़ सकते उच्च गगन तक,

मन हार कभी न मानो,

लड़ते जाओ अंतिम तक ।।


 

जीवन आशाओ का खेल,

अरे तुम जाना कभी न भूल।

आज जो दुखद तेरा है सुन,

कल खिले खुशी का फूल ।


 

पूरा प्रयास करने पर,

गर मीले सफलता  न तुझको,

हार से सीखो , बनाओ,

जीत का कारण उसको  ।।


 

इतिहास बदल सकते हो,

भूगोल बदल सकते हो,

मम बात हृदय तुम धरो,

हालात बदल सकते हो ।


........Sangjay

आज से तू मेरी.

  



आज से तुम मेरी मैं तेरा होगया।

देखा जब से तुझे बावरा हो गया।

मैने सोंचा न था,मैंने जाना न था।

आपके हुश्न का जब दीदार होगया।

कण कण में समाई है सूरत तेरी।

मौत के बाद भी रहे ये दोस्ती।

मौज का नाम क्या आज जाना सनम

तेरी राहों में दिल को बिछाना सनम

हो जिंदगी कब तलक नही परवाह है

मौत का डर खतम बस तेरी चाह है।

कृष्ण दीवानी मीरा ने जब जाना है।

नाची रे नाची मीरा जग जाना है।

भूली कान्हा को राम रतन धनपायो।

हर पल हर छण मस्त मगन हो गायो।

अनपढ़ को भी विद्वान बनादे ऐसी माया।

प्रेम के ढाई आखर मस्त कबीरा गाया।

साखी सबद रमैनी दास कबीरा दे गयो।

पढ़े लिखे भी न समझे ऐसी बात बतायो।

आज से तुम मेरी मैं तेरा होगया।

देखा जब से तुझे बावरा हो गया।

मैने सोंचा न था,मैंने जाना न था।

आपके हुश्न का जब दीदार होगया।

कण कण में समाई है सूरत तेरी।

मौत के बाद भी रहे ये दोस्ती।

मौज का नाम क्या आज जाना सनम

तेरी राहों में दिल को बिछाना सनम

हो जिंदगी कब तलक नही परवाह है

मौत का डर खतम बस तेरी चाह है।

कृष्ण दीवानी मीरा ने जब जाना है।

नाची रे नाची मीरा जग जाना है।

भूली कान्हा को राम रतन धनपायो।

हर पल हर छण मस्त मगन हो गायो।

अनपढ़ को भी विद्वान बनादे ऐसी माया।

प्रेम के ढाई आखर मस्त कबीरा गाया।

साखी सबद रमैनी दास कबीरा दे गयो।

पढ़े लिखे भी न समझे ऐसी बात बतायो।

गरीबी



 

 गरीब का जीवन, 

कैसा बंधन जो बांधता है।

लाचारी की जंजीरो से, 

वरना कौन है साहब ,

जो खुद को बदनसीब बनाता है।

दुख भारी आह सुनता है,

जब गम भरे रेन दिन आते,

पर दुख दूर कभी न होते,

हरपल हर छण वो अश्रु बहते।

ईश्वर को आह सुनते,

गम भरी निशा का अंत होगा कब,

इंतजार वो करते,

ख्वाबो के महल सजाते,

ख्वाबो में लुत्फ उठाते,

हक़ीक़त का क्या वजूद,

गम ही गम जब आते। 

किया हमेशा मदद ,

मजबूर की वो जनता है,

गरीबी का दर्द,

परंतु जिसके पैर न फटी बिवाई,

सो का जाने पीर पराई,

बात यह मैं कहता हूं। 

लाचारी कैसी ह उनकी,

मदद करे भगवान दुवा ,

मैं करता हूं ।।


.....sangjay

मानवता


 


 निज स्वार्थ के भाव,

कितना अजीबोगरीब होता है।

एक बात से जीवन का 

रिश्ता करीब होता है।

काश दूरिया न होती ,

अपनो की अपनो के बीच मे,

यही बात खलती है हर पल,

क्यो गैर हो जाते हैं वो रिश्ते,

जो अपने बिल्कुल खाश होते हैं।

दाग वही देगा जिसपे विश्वाश होगा,

मगर बुरे वक्त में जो साथ दे,

रिश्ते वही सच्चे होते हैं।

दिल की गहराई में प्रेम के ,

समंदर है अपनो के लिये,

पर जब स्वार्थ के भाव ,

के रिश्तों को कुचल दे पैरो में,

तो फिर इंसानियत और मानवता,

का गला घोंट दिया क्यों,

गैरो के खातिर,

अपने पराये हुए, गैर अपने हुए,

क्या यही मानवता है, 

नही , स्वार्थियत है और कुछ नहीं।

जिये जो गैरो के खातिर ,

वो अपनो का भला ही करेगा,

यही सची मानवता है और कुछ नहीं ।।


......sangjay

आओ हम सब एक बने.


 


आओ हम सब एक बने,
नेक बने जीवन में ।
कुछ करके एक मिसाल बने,
नफरत दूर करे जीवन में ।
  वैर भाव को पास न आने देंगे,
उच्च आदर्श अपनाएंगे।
सर्व धर्म सम भाव जगाकर,
जीवन को स्वर्ग बनायेगे ।
 दया नमृता को अपनाकर,
परहित सदा करेंगे।
दया धर्म का मूल समझकर,
जीवन सार्थक बनायेगे ।
विश्व बंधुत्व विरादरी वाली,
नीति को सदा निभाते हैं ।
हिंदी है हम वतन हमारा ,
हिंदुस्तानी कहलाते हैं।
हमारी संस्कृति और सभ्यता का,
अखिल विश्व मे डंका गूँजेगा।
झूठ नहीं सच कहता हूं मैं ।
भारत विश्वगुरु बन जायेगा ।।

......sangjaY

गुरुवार, 6 मई 2021

फूलों के संग जीवन के रंग




 फूलों के संग जीवन के रंग,

उदास जिंदगी है हो जैसे बेरंग।

बदनाम तो पुष्प है साहब,

की कंटक तकलीफ देते हैं

झांक कर देखो खुद के अंदर,

वक्तव्य हमारे चुभते हैं।

पुष्प की कोमलता देखो,

देखी उसकी सुंदरता ।

टूटकर भी आपके सृंगार हित,

गले का हार है बनता ।

रहे वो बाग में या फिर हार में,

 खुसबू छोड़ता नही ।

सवार जाएगी जिंदगी तेरी,

गर कुछ सीख ले तू पुष्प से कही।।


.......sangjay

दो पल जीवन के.

 



दो पल है जीवन के 

मिलजुल कर इसको जीना।

आजादी है सबको प्यारी  

क्यों है इतनी बेकारी।  

तकरार यहां क्यों करना

छणभंगुरता हित लड़ना।

क्यो मानव उलझ गया है

निज जाल में फसता गया है।

एकता के साथ जीना,

मानवता का मूल है।

अपनो के खातिर गर हारना क़ुबूल है।

सबका भला करोगे ,

तब खुद का भला भी होगा।

लाचारों की मदद सम ,

और कुछ भी भला न होगा।

परहित प्रकृति में देखो,

कण कण बता रहा है। 

खामी कभी न देखो 

खूबी तलाशना सीखो ।

 काम आए न गर मानवता हित,

जीवन यहाँ बेकार है ।

परहित सरिस हो जीवन,

सबसे बड़ा आधार है।

......Sangjay



राज की बात

 



जीवन का आधार, हो अपनो का प्यार।

हो नहीं कभी भी वार, दो मानवता को तार।

शाश्वत नही कुछ भी, किस पर करले एतबार।

हो खुद पे यकीन अगर,आसान सभी हैं डगर।

निराशा आये जिस पल,उत्साह बढाओ उस पल।

आज पे जिन सीखो,देखा किसने है कल। ।

अनजान डगर हैं जीवन के , कैसे चलते जाएं।

हमसफ़र सहारा दे,   हम कश्ती पर लगाएं। ।

उत्साह कभी न कम हो, अनवरत बढ़ाए कदम।

हार कभी न मानेंगे हम, है जब तक दम में दम ।


..............sangjay.

जिंदगी एक क्रिकेट खेल

रन रन बनाने की लगी होड़ । जिंदगी एक है क्रिकेट खेल ।। रन बनाने के चक्कर मे, एक दूसरे के टक्कर में, राण दौड़े हम बारम्बार, मील असफल...