फूलों के संग जीवन के रंग,
उदास जिंदगी है हो जैसे बेरंग।
बदनाम तो पुष्प है साहब,
की कंटक तकलीफ देते हैं
झांक कर देखो खुद के अंदर,
वक्तव्य हमारे चुभते हैं।
पुष्प की कोमलता देखो,
देखी उसकी सुंदरता ।
टूटकर भी आपके सृंगार हित,
गले का हार है बनता ।
रहे वो बाग में या फिर हार में,
खुसबू छोड़ता नही ।
सवार जाएगी जिंदगी तेरी,
गर कुछ सीख ले तू पुष्प से कही।।
.......sangjay
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