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शनिवार, 8 मई 2021

दुख

इस शून्य क्षितिज  से हर पल,
हर रोज पुकारें आती हैं ।
यह दुख भी ऐसी चीज है क्या,
दुखियारों को ही सताती है ।।

आंखों से अंशू बहते हैं ,
जाने क्या क्या कहते हैं ।
इस मन के दुखद भावों को,
ये अंशू प्रकट कर देते हैं ।।

भव सागर के तट पर ,
दुख की लहरें आती है ।
गरज गरज कर कहती ,
कुछ दुखद पुरानी बातें ।

क्यों छलक रहा है दुख मेरा,
इस जग की नीरस पलकों पे,
क्यो उलझ रहा है दुख मेरा,
संध्या की सघन अलकों पे ।।

मन मे तूफ़ान से उठता है ,
एक ऐसी बात को कहता है ,
नर दुख में ऐसे क्यो रहता है ,
ईश्वर से क्या कुछ कहता है ।।

जीवन

आज के इस कलित युग मे,
भाव भंगिमा बह रही,
नाव युगीन कविता की,
सृजन की आशा जग रही  ।

सोचता हूं कि यह जग,
चाहता है कैसा जीवन,
कैसे जियूँ इस नीरस पटल में,
कर रहा हूं यह चिंतन।  

यह जगत है भाव प्रणीत,
करुणा दया सब है विचरते,
सुख के पीछे है दुख आता
कोई हँसते टी को रोते। 

यह विधाता का कैसा ,
विश्व का है छनिक खेल,
जीवन ऐसा जिओ कि,
सदा रहे सुख ही सुख का मेल।  

जब में दुख ही दुख फैला,
क्या कहूं कितना है विस्तृत,
आगे क्या अब लेखनी चलाऊ,
विचार मन से हुए हैं विस्मृत। 


.....SangJay

उत्साह न होगा कम

लड़ते ही रहेंगे हम 
जीवन के तूफानों से ,
पीछे न हटेंगे हम,
मंजिल के कांटो से ।

आगे ही बढ़ेंगे  हम,
केचलते ही रहेंगे हम,
मंजिल को पाने का,
उत्साह न होगा कम ।

मंजिल को पाने का,
जो लक्ष्य बनाया है ,
पथ भी यो अनेकों हैं,
जिन्हें रब ने बनाया है ।।

तूफान आगर फिर भी,
जो पथ पर आएंगे ,
तूफानों को चीर करके,
पथ अपना बनायेगे  ।

मंजिल ही हमारी तो,
बस एक लक्ष्य रहे,
चाहे जीवन मे आगे,
खुशिया, या गम रहे। 

पीछे न हटेंगे हम,
उत्साह न होंगे कम,
मंजिल को पाकर के,
तब ही लेगें दम   ।।

.....SangJay

मंजिल की ओर

जीना है दुश्वारियों में ,
सहना है हर गम,
मुश्किलें कितनी हो कठिन,
पर रुकेंगे नहीं कदम ।

खुशियां ही बांटेगे,
खुशियां ही चाहेंगे,
हर गलियों कूचों में,
हम प्यार ही बांटेंगे ।

जब भी जीवन मे,
आएगा कोई गम,
वादा है रब,
आंखे न होंगी नम ।।

दुनियां में है जीना तो,
सहना है हर गम,
पग पग पर हो कांटे,
फिर भी न रुकेंगे कदम ।

रब ने बनाया है ,
अजब से ये खेल,
जीवन मे होता है ,
बस सुख दुख का खेल ।।

जब मिला हो रब का साथ,
तो हमे क्यो डरना,
बस हौसला हो पक्का तो,
पीछे नहीं है हटना ।

लड़ते रो जिंदगी के तुफानो से,
कुछ सीखो इतिहास के जाबांजो से,
अपने हौसले को रखो बुलंद,
घबराना मत अंगारो से  ।

जल है जो दीपक उसे बुझाने  को,
तूफान हजारो आते हैं ,
तमन्ना रखो आसमान छू जाने की,
सच्चे वीर तुफानो को चीरते जाते हैं ।।

.........SangJay

दो शब्द

आंखे सपने सजाती हैं,
लेकिन टूट जाते हैं  ,
जिस डाली को पकड़ते हैं,
वो डाली टूट जाती है ।

ये सपने सच नहीं होते,
करे भरोसा इनका क्या,
ये सपने नींद में करके,
कभी भी टूट सकते हैं ।

हमती हालात ऐसी है,
न जीते हैं न मरते हैं,
गमों के सिर में रहकरके,
उठ उठकर जीते हैं ।

जिंदगी का भरोसा क्या,
कहाँ से कहीं को जाती है,
किस्मत का ये खेल कैसा,
किसे कहाँ ले जाती है ।

दुनिया का जो विधाता जो,
जिसे  रब कहते हैं ,
दिए उसने खुशी या गम,
हँस के सहते हैं ।

जिंदगी के तुफानो से,
सदा ही लड़ते हैं,
वक़्त की तेज धार में,
सभी जन बहते हैं ।

.......SangJay.

तू ऐसा है मतवाला

जग का मालिक जग का खालिक,
तू सबका आधार है ,
तुझ पे भरोसा करके जो भी,
अंग संग देखे बेड उसका पर है ।

जीवन है संकट की बाट,
जो चलता मिलते संकट बारमबार,
जो केवल मंजिल को चाहे,
सदियो तक चलता किस्सा,
जीवन का जो सार है ।।

कभी न मानो हार ग़मों से,
हर पल हर छन लड़ता जा,
जितनी जहा पर मील मुसीबत,
उत्साह दिखता उतना जा ।

संकट की राहों में चलकर,
जो जीवन को सवारा करते हैं ,
सुन लो ऐसे सख्स ही यारो,
इतिहास बनाया करते हैं ।

लचत क्यो है तू ही इतिहास बनाये,
तूने सबकुछ कर डाला,
धरती नापी सागर नाप,
आकाश की नाप भी कर डाला ।
चंद्र ग़मो से घबराकर तू,
क्यों अपने राह बदल डाला,
कर सकता है तू सबकुछ,
खूफ के अंदर देख तू ऐसा है मतवाला ।।

......SangJay।

शुक्रवार, 7 मई 2021

मतलब की दुनिया

मतलब की दुनिया,
कितनी अजीब,
पैसे से अमीर ,
पर दिल से गरीब,
पैसा हो अगर,
हजारो हैं यार,
बिना पैसे के तू,
पूरा है बेकार,
बात सिर्फ पैसे की नहीं,
बात मानवता की,
इंसानियत की,
मदद की, 
परोपकार की,
दोस्ती की,
 जो कल तक आगे पीछे,
घूमते थे,
जब आप अमीर थे,
परंतु पैसा गया ,
तो समझो, आपकी किस्मत गई।
स्वार्थियत को छोड़ ,
सच्चा रिश्ता वो,
जो बुराई से हटाकर,
नेकी में लगाकर,
अपना फर्ज दोस्ती का
निभाता है ।
सही मायने में सच्चा ,
यार वही होता है ।

......sangjay

हार से जीत की ओर

 



ये जीवन एक कहानी ,

कुछ जानी कुछ न जानी 

अविरल चलना ही होगा,

मंजिल तुझको गर पाना ।

   

 

आजाद परिंदे हो तुम,

उड़ सकते उच्च गगन तक,

मन हार कभी न मानो,

लड़ते जाओ अंतिम तक ।।


 

जीवन आशाओ का खेल,

अरे तुम जाना कभी न भूल।

आज जो दुखद तेरा है सुन,

कल खिले खुशी का फूल ।


 

पूरा प्रयास करने पर,

गर मीले सफलता  न तुझको,

हार से सीखो , बनाओ,

जीत का कारण उसको  ।।


 

इतिहास बदल सकते हो,

भूगोल बदल सकते हो,

मम बात हृदय तुम धरो,

हालात बदल सकते हो ।


........Sangjay

जिंदगी एक क्रिकेट खेल

रन रन बनाने की लगी होड़ । जिंदगी एक है क्रिकेट खेल ।। रन बनाने के चक्कर मे, एक दूसरे के टक्कर में, राण दौड़े हम बारम्बार, मील असफल...