आज से तुम मेरी मैं तेरा होगया।
देखा जब से तुझे बावरा हो गया।
मैने सोंचा न था,मैंने जाना न था।
आपके हुश्न का जब दीदार होगया।
कण कण में समाई है सूरत तेरी।
मौत के बाद भी रहे ये दोस्ती।
मौज का नाम क्या आज जाना सनम
तेरी राहों में दिल को बिछाना सनम
हो जिंदगी कब तलक नही परवाह है
मौत का डर खतम बस तेरी चाह है।
कृष्ण दीवानी मीरा ने जब जाना है।
नाची रे नाची मीरा जग जाना है।
भूली कान्हा को राम रतन धनपायो।
हर पल हर छण मस्त मगन हो गायो।
अनपढ़ को भी विद्वान बनादे ऐसी माया।
प्रेम के ढाई आखर मस्त कबीरा गाया।
साखी सबद रमैनी दास कबीरा दे गयो।
पढ़े लिखे भी न समझे ऐसी बात बतायो।
आज से तुम मेरी मैं तेरा होगया।
देखा जब से तुझे बावरा हो गया।
मैने सोंचा न था,मैंने जाना न था।
आपके हुश्न का जब दीदार होगया।
कण कण में समाई है सूरत तेरी।
मौत के बाद भी रहे ये दोस्ती।
मौज का नाम क्या आज जाना सनम
तेरी राहों में दिल को बिछाना सनम
हो जिंदगी कब तलक नही परवाह है
मौत का डर खतम बस तेरी चाह है।
कृष्ण दीवानी मीरा ने जब जाना है।
नाची रे नाची मीरा जग जाना है।
भूली कान्हा को राम रतन धनपायो।
हर पल हर छण मस्त मगन हो गायो।
अनपढ़ को भी विद्वान बनादे ऐसी माया।
प्रेम के ढाई आखर मस्त कबीरा गाया।
साखी सबद रमैनी दास कबीरा दे गयो।
पढ़े लिखे भी न समझे ऐसी बात बतायो।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें